प्रेरणा एप से संवरेंगे आंगनबाड़ी केंद्रों के नौनिहाल
आंगनवाड़ी केंद्रों पर पड़ने &
#x935;ाले नौनिहालों को प्रेरणा एप से बेहतर बनाया जाएगा। नई शिक्षा नीति के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों का कल्प किया जा रहा। इसको मैपिंग सभी लाकों में शुरू हो गई है। केंद्र पर पानी, बिजली, बाल मैत्री शौचालय व फल पेंटिंग आदि सुविधाएं पूर्ण करने में बाल विकास विभाग का पंचायती राज विभाग सहयोग करेगा।जिले में तीन हजार 523 आंगनबाड़ी केंद्र है। यहां कुल दो हजार 800 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व दो हजार 214 सहायिका तैनात हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर एक लाख 40 हजार 27 बच्चे पंजीकृत हैं। नई शिक्षा नीति के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों का प्री प्राइमरी का दर्जा दिया गया है। शासन की और से केंद्रों के बच्चों को शिक्षा देने की कवायद को और तेज कर दी गई है। इसी क्रम में केंद्रों पर पंजीकृत पांच साल से अधिक आयु के बच्चों का भी ब्यौरा प्रेरणा पोर्टल एप पर दर्ज किया जाएगा उनको विकसित भी किया जाए। साथ ही दो से पांच शब्दों का भाषा ज्ञान और गणित में 10 तल को संख्या पढ़ना संख्या और वस्तुओं को क्रम में
मंगलवार को आंगनबाड़ी केंद्र पर पढ़ते नीतिविज्ञान
व्यवस्थित करना भी सिखाया जाएगा। फर्जी तरीके से बच्चों को संख्या बढ़ने का फर्जीवाड़ा एप से केंद्रों का हो रहा रुकेगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी ज्योति शाक्य ने बताया कि शासन स्तर से आंगनवाड़ी केंद्रों को हाईटेक किया जा रहा है। प्रेरणा एप कारगर साबित होगा। इससे काफी सहूलियत भी मिलेगी।
• नई शिक्षा नीति के चहत आंगनबाड़ी कायाकल्प केंद्रों पर पानी बिजली वाल मैत्री शौचालय वाल पेंटिंग की कवायद .
प्रेरणा एप डाउनलौड कर लिया है। सीडीपीओ के द्वारा कायकताओं को एप के बारे में बेहतर तरीके से समझाया जा रहा है। इससे बच्चों को काफ़ी जानकारी देने में आसानी होगी। एप से काफी जानकारी मिल रही है।
-अनीता अग्रहरि, मानधाता
अब नौनिहाल को भी उनकी क्षमता के अनुसार निपुण बनाया जाएगा। प्रेरणा एप के माध्यम से छह य तक के बच्चे, गर्भवती महिलाओं को बेहतर बनाया जाएगा।
उर्मिला सिंह, लाखापुर
छह वर्ष तक बच्चों पोषण के साथ उनके शिक्षा के स्तर में भी बालवाटिका के द्वारा बेहतर बनाया जाएगा। प्रेरणा एप डाउनलौड कर लिया है।
-रीता यादव पूरे हीछा
शिक्षा नीति के द्वारा जिन्हें दो से पांच शब्दों का भाषा ज्ञान और गणित में 10 तल की संख्या पढ़ना, संख्या और वस्तुओं को क्रम में व्यवस्थित करना सिखाया जाएगा।
आरती सिंह, चांदपुर।