ऑनलाइन व्यवस्था पर बीईओ भारी
age -->हरदोई। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात खंड शिक्षा अधिकारी महानिदेशक स्कूल शिक्षा पर भी भारी है। जिले में एरियर के भुगतान में हो रहे खेल को रोकने के लिए शुरू की गई ऑनलाइन व्यवस्था के बावजूद उसमें कोई सुधार नहीं हुआ है। खंड शिक्षा अधिकारी बिना शिक्षक के नमस्कार किए आवेदन अग्रसारित नहीं कर रहे हैं। इससे जिले में 256 से अधिक प्रकरण लंबित है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद और उनकी टीम ने जनपद का भ्रमण किया था। जिसमें सबसे अधिक गड़बड़ी शिक्षकों के एरियर भुगतान में मिली थी। जिस पर उन्होंने विभागीय अधिकारियों को चेतावनी दी थी और ऑनलाइन एरियर के भुगतान की व्यवस्था शुरू कराई थी। जिसमें ब्लॉक बाबू और बीएसए का हस्तक्षेप समाप्त कर दिया था ताकि शिक्षकों के एरियर का भुगतान समय से किया जा सके और उसमें पारदर्शिता रहे।
मगर इसके बावजूद खंड शिक्षा अधिकारियों की कार्यशैली में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। एरियर के आवेदन पर वह कुंडली मारे बैठे हैं। बिना शिक्षक के नमस्कार के वह एरियर के बिल अग्रसारित नहीं करते है। इससे लंबित आवेदनों की संख्या लगातार बढ़ी जा रही है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से ऑनलाइन पूरे प्रदेश की एरियर भुगतान की समीक्षा की गई। जिसमें पाया गया कि शिक्षकों के 4838 एरियर के मामले लंबित है जिसमें सबसे अधिक बांदा जनपद में 329 और दूसरे नंबर पर हरदोई है। जहां 256 मामले लंबित है। एरियर के मामले लंबित होने पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा
शिक्षकों के एरियर के भुगतान में हो रहा खेल
कार्यालय
बीएसए कार्यालय संवाद
यह है एरियर के लिए प्रक्रिया
शिक्षक ऑनलाइन आवेदन करता है। जिसको संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को अग्रसारित करना होता है। आवेदन अग्रसारित होने के उपरांत वित्त विभाग एरियर के बिल बनाकर उसका भुगतान कर देता है। इसके शिक्षकों को कहीं जाने की जरूरत नहीं है।
खेल
एरियर के भुगतान की
शिक्षक के एरियर का आवेदन करते ही खंड शिक्षा अधिकारी व उनके सहयोगी की ओर से शिक्षक के पास फोन पहुंचता है और आवेदन के संबंध में मिलकर निदान कराने को कहा जाता है जब शिक्षक बीईओ से मिलने पहुंचता है, तो उससे धनराशि के अनुसार प्रतिशत तय होता है। तभी आवेदन अग्रसारित होता है।
जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारी व वित्त एवं लेखाधिकारी की है। महानिदेशक के पत्र के सापेक्ष जांच कर उच्चाधिकारियों को प्रकरणों के लंबित होने के कारणों को अवगत कराया जाएगा विजय प्रताप सिंह, जिला
बेसिक शिक्षा अधिकारी
ने नाराजगी जताते हुए सभी जिम्मेदार अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा हैं और 15 दिन में प्रकरण निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं।