किसी भीविश्वविद्यालय कैंपस में जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। आरक्षित श्रेणी के छात्रों पर कटाक्ष करने, उनके खिलाफ जाने वाले किसी भी तरह शब्द बोलने से शिकायतों पर तुरंत मामला दर्ज होगा। इन मामलों में एससी, एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे अपने परिसरों में इस पर निगरानी रखें। कोई भी मामला सामने आने पर कार्रवाई करने के साथ उसकी सूचना देनी होगी। उच्च शिक्षण संस्थानों को इससे संबंधित मामलों की शिकायत, कार्रवाई समेत अन्य जानकारियां 31 जुलाई तक यूजीसी को भी भेजनी होगी।आईआईटी परिसर में पिछले दिनों जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल आहत छात्रों के आत्मघाती मामलों के कारण यूजीसी ने इस दिशा में सख्त कदम उठाया है। यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी की ओर से इस संबंध में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को पत्र भी लिखा गया है।सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को अपनी अधिकारिक वेबसाइट पर एससी, एसटी और ओबीसी शिकायतों को लेकर एक पेज तैयार करने का निर्देश दिया है, ताकि पीड़ित बिना किसी डर के अपनी शिकायत भेज सके। इसमें छात्र, शिक्षक और कर्मियों समेत विश्वविद्यालय या कॉलेज के वरिष्ठ अधिकारियों की भी शिकायत की जा सकती है। वहीं, विश्वविद्यालय और कॉलेजों को शपथपत्र लेना होगा कि कोई भी शिक्षक जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करेंगे।