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परिषदीय स्कूल में मध्याहन भोजन के लिए अब नौनिहालों को घर से बर्तन लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।जिले के 690 स्कूलों में बर्तन खरीदने के लिए 17 सालों के बाद एक करोड़ 29 लाख 30 हजार स्वीकृत हो गया है।छात्र संख्या के आधार पर स्वीकृत रकम को विभाग एमडीएम के खाते में भेजने की कवायद में जुट गया है।जिले में 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट स्कूल संचालित हैं। इसमें एक लाख 64 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए मध्याहन योजना चलाई जा रही है। जिसमें बच्चों को खिचड़ी, दाल, रोटी, दूध समेत अन्य पौष्टिक आहार दिए जाते हैं।लेकर स्कूल आना पड़ता था। 2023 में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 690 स्कूलों में बर्तन खरीद का प्रस्ताव भेजा गया था। इसे स्वीकृत करते हुए शासन ने पैसा भी जारी कर दिया।वर्ष 2007 में पहली बार स्कूलों में बर्तन की खरीद की गई थी। उसके बाद अधिकतर बच्चों के बर्तन या तो खराब हो गए या गायब हो गए। इससे उन्हें घर से बर्तन स्कूलों में छात्र संख्या के आधार पर यह धनराशि जारी की गई है। जुलाई में ही बर्तन खरीदने का निर्देश भी दिया गया है। छात्र संख्या बढ़ाने के लिए मध्याहन योजना चलाई जा रही है। जिसमें बच्चों को खिचड़ी, दाल, रोटी, दूध समेत अन्य पौष्टिक आहार दिए जाते हैं। लेकर स्कूल आना पड़ता था। 2023 में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 690 स्कूलों में बर्तन खरीद का प्रस्ताव भेजा गया था। इसे स्वीकृत करते हुए शासन ने पैसा भी जारी कर दिया।वर्ष 2007 में पहली बार स्कूलों में बर्तन की खरीद की गई थी। उसके बाद अधिकतर बच्चों के बर्तन या तो खराब हो गए या गायब हो गए। इससे उन्हें घर से बर्तन स्कूलों में छात्र संख्या के आधार पर यह धनराशि जारी की गई है। जुलाई में ही बर्तन खरीदने का निर्देश भी दिया गया है।

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