परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक – स्कूलों में सोमवार से शिक्षकों के लिए शुरू की गई आनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था बहिष्कार के कारण पहले ही दिन चौपट रही। कुल 1,32,869 विद्यालयों में पढ़ा रहे 6,09,282 शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों में से 16,015 यानी मात्र 2.6 प्रतिशत ने आनलाइन हाजिरी दर्ज कराई। 14 जिलों में एक भी शिक्षक ने आनलाइन उपस्थिति नहीं दर्ज कराई। भदोही में सर्वाधिक 14 प्रतिशत यानी 5,730 में से 1,058 • शिक्षकों ने व्यवस्था का पालन किया। उपस्थिति के लिए आधा घंटे और । मोहलत दिए जाने के बावजूद भी शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर इसका विरोध किया। विभाग को उम्मीद है कि आगे 15 दिनों में व्यवस्था पटरी पर आएगी। प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा एमकेएस सुंदरम का कहना है कि शिक्षकों को सुबह आठ बजे की बजाए 8:30 बजे तक आनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की छूट दी गई है। ऐसे में में उम्मीद है कि शिक्षक इस व्यवस्था का पालन करेंगे। देश के कई राज्यों में आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था है। विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने के लिए यह जरूरी है। शिक्षकों ने अपनी समस्याएं भी गिनाईं। बड़ी संख्या में विद्यालयों की मैपिंग ठीक न होने के कारण स्कूल में उपस्थित होने के बावजूद भी उनकी आनलाइन लोकेशन कई किलोमीटर दूर दिखाई जा रही है। बरसात के कारण कई जिलों में जल जमाव के कारण दिक्कत हो रही है। उप्र बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि शिक्षक लगातार अर्द्ध अवकाश, तीन दिन लगातार देर होने पर आकस्मिक अवकाश और अर्जित अवकाश देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे। ऐसे में शिक्षक काली पट्टी बांधकर विरोध जारी रखेंगे। प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि शीतकालीन अवकाश भले न दिया जाए लेकिन अर्जित अवकाश व द्वितीय शनिवार का अवकाश कर्मचारियों की तरह ही दिया जाए। शिक्षक अगर थोड़ी भी देर से विद्यालय पहुंचेगा तो उसका पूरे दिन का वेतन कट जाएगा, यह गलत व्यवस्था है। अर्द्ध अवकाश की सुविधा मिलनी चाहिए। जिन 14 जिलों में एक भी शिक्षकों ने आनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं कराई उनमें बाराबंकी, संभल, सहारनपुर, गोरखपुर, उन्नाव, बदायूं, गोंडा, बहराइच, महराजगंज, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर व संत कबीर नगर शामिल हैं।