प्राइमरी शिक्षकों ने सरकार की अपील को पूरी तरह से नकार दिया और मंगलवार को पूरे प्रदेश में एक भी शिक्षक ने ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाई। साथ ही दूसरे दिन भी काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य निपटाया। इस बीच लगातार दूसरे दिन भी कई जिलों में प्राइमरी शिक्षकों ने स्कूल समय के बाद धरना-प्रदर्शन कर आनलाइन हाजिरी के आदेश को रद्द करने की मांग की। दूसरी ओर इसे लेकर राजनीति गर्मा गई है। विपक्षी नेताओं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव समेत कई नेताओं ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिक्षकों की मांग पर विचार करने की मांग की है।विपक्षी नेताओं और दलों ने शिक्षकों को दिया समर्थन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि शिक्षकों पर विश्वास करने से अच्छी पीढ़ी जन्म लेती है। वे इस मुद्दे पर शिक्षकों के साथ हैं। सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने लिखा कि सरकार अध्यापकों की उपस्थिति ऑनलाइन कराने पर आमादा है जबकि सरकार अध्यापकों की वर्ष में 30 ईएल, और ग नहीं मान रही। हाफ सीएल देने की मांग नहीं मान रह वहीं धौरहरा के सपा सांसद आनंद भदौरिया ने लिखा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता है। उसे इस तरह के फैसलों से आहत न करें। नगीना के सांसद चन्द्रशेखर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि 12 रजिस्टर डिजिटल बनाना पूर्णतया अनुचित और अव्यवहारिक प्रतीत होता है। सत्ता पक्ष के नेताओं ने भी लिखा मुख्यमंत्री को पत्र भाजपा के एमएलसी अवधेश कुमार सिंह ‘मंजू सिंह’ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कहा है कि इस नई व्यवस्था में विसंगतियां बताई गई है। शिक्षकों की समस्याओं का समाधान पर भी विचार होना चाहिए। स्कूली बच्चों की बेहतरी के लिए आनलाइन हाजिरी जरूरी – सुंदरम ऑनलाइन हाजिरी के आदेश वापस लिये जाने की अफवाहों को नकारते हुए देर शाम सरकार की ओर से भी बयान जारी किया गया। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एमके शनमुगा सुंदरम् ने कहा है कि शिक्षकों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि वे अगली पीढ़ी को पढ़ा रहे हैं और उसका विकास कर रहे हैं। इस नेक प्रयास में कुछ असुविधाएं हो सकती हैं। हमें बच्चों की बेहतरी के लिए असुविधाओं को सहन करने की जरूरत है।