शिक्षा विभाग काफी पहले से शिक्षको और छात्रों की ऑनलाइन हाजिरी की कोशिश कर रहा लेकिन शिक्षको के विरोध के कारण इसे अमल में नहीं लाया जा सका। पिछले सत्र में कुछ जिलों में पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर इसे लागू किया गया लेकिन वहां भी सफलता नहीं मिली। अब पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जा रहा है। इसके लिए हर स्कूल में शिक्षकों को दो टैबलट भी दिए गए है। शिक्षकों का विरोध इस बात को लेकर है कि दूर-दराज स्कूलों में कई समस्याएं है। शिक्षक दूर से आते हैं तो वे कुछ लेट हो सकते है। नेटवर्क की भी समस्या है। सबसे अहम विरोध इस बात को लेकर है कि लेट होने पर उनका एक दिन का वेतन काट लिया जाएगा। इससे उनकी सर्विस ब्रेक हो जाएगी और वे जूनियर हो जाएंगे। इससे कई भत्तों पर फर्क पड़ेगा। उनका कहना है कि इतनी सीएल, पीएल और अन्य छुट्टिया होती है। तीन दिन लेट होने पर उनमे से एक छुट्टी काटी जा सकती है। वहीं, सरकार का कहना है कि बच्चे हम सबकी प्राथमिकता है। यदि शिक्षक लेट आते है तो इससे बच्चों क अहित होगा। एक-दो घंटा लेट आने पर दो पीरियड का नुकसान हो जाएगा।