तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद शिक्षक ऑनलाइन हाजिरी भरने को तैयार नहीं हैं। शुक्रवार को जिलों में अधिकारियों के सक्रिय होने के बावजूद एक फीसदी हाजिरी भी ऑनलाइन नहीं लग सकी।वहीं स्कूल शिक्षा महानिदेशालय बैकफुट पर आता दिख रहा है। महानिदेशालय ने बयान जारी कर कहा है कि जिन स्कूलों में ऑनलाइन ऐप के संचालन में तकनीकी दिक्कतें आ रहीं हैं। वहां स्कूल अवधि में किसी भी समय डिजिटाइज रजिस्टर ऐप का प्रयोग किया जा सकेगा। इस बीच शिक्षकों के विरोध ने शुक्रवार को नया मोड़ ले लिया है। कई जिलों में शिक्षकों ने शिक्षण कार्य के अलावा अपने अन्य अतिरिक्त प्रभारों से इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। एटा, बरेली तथा मैनपुरी आदि जिलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने संकुल के प्रभार से इस्तीफा दे दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने आज प्रदेश भर में जिले स्तर के अपने अधिकारियों को शिक्षकों को ऑनलाइन ऐप के प्रयोग के लिए लगाया लेकिन उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी। प्रदेश के कुल 6,09,530 प्राइमरी शिक्षकों में से मात्र 0.61 फीसदी शिक्षकों ने सुबह के समय ऑनलाइन हाजिरी लगाई जबकि केवल 0.33 प्रतिशत शिक्षकों ने ऐप पर उपस्थिति दर्ज की। यह डिजिटल ऐप्स के लागू होने के पहले दिन से भी कम रहा। आठ जुलाई को 2.6 फीसदी शिक्षकों ने ऑनलाइन हाजिरी दर्ज की थी। प्रार्थना सभा की फोटो भेजना अनिवार्य – स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने शुक्रवार को निर्देश जारी कर जिले स्तर के सभी विभागीय अधिकारियों से कहा है कि वे प्रत्येक परिषदीय स्कूलों में होने वाली प्रार्थाना सभाओं की फोटो वहां के प्रधानाध्यापक व शिक्षकों- शिक्षिकाओं से जरूर मंगायें। यह फोटोग्राफ दो अलग-अलग कोणों से हों जिसमें प्रार्थना सभा के अधिक से अधिक हिस्से कवर किये गये हों। प्रार्थना सभा के तत्काल बाद ये फ. टोग्राफ्स शिक्षकों को अनिवार्य रूप से अपने खण्ड शिक्षा अधिकारियों को भेजना होगा।