जलस्तर घटने से भले ही बाढ़ से राहत मिली है। लेकिन जलभराव व सिल्ट लोगों के लिए अभी भी समस्या बनी हुई है। विद्यालय परिसर व कक्ष में बाढ़ का पानी भरा होने से पंचायत भवन में बैठाकर बच्चों का पढ़ाया जा रहा है।तहसील क्षेत्र इकौना का नरायनपुर गांव राप्ती नदी से सटा बसा है। राप्ती में आई बाढ़ से गांव जलमग्न हुआ तो गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय में भी बाढ़ का पानी भर गया। अब बाढ़ से राहत मिल गई है लेकिन विद्यालय परिसर अभी भी बाढ़ के पानी से जलमग्न है। विद्यालय परिसर व कक्ष में घुटनों तक पानी भरा है। साथ ही परिसर में सिल्ट ढेर हो गया है। जहां कक्षाओं का संचालन संभव नहीं है। ऐसे में गांव में बने पंचायत भवन में स्कूल लग रहा है जहां बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। शुक्रवार को सहायक शिक्षक पुत्तन कुमार तिवारी पंचायत भवन में बच्चों को पढ़ाते मिले। पूंछने पर उन्होंने बताया कि विद्यालय में पानी भरा है और सिल्ट जमा हो गया है। जहां विद्यालय का संचालन करना संभव नहीं है। बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसलिए पंचायत भवन में बच्चों को बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। इतना ही नहीं गांव के रास्ते भी बदहाल हो गए हैं।