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प्रदेश के एक लाख से अधिक परिषदीय प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा तीन से पांच तक के छात्र-छात्राओं का भी अब लिटमस टेस्ट होगा। प्रदेश सरकार ने निपुण भारत योजना के विस्तार का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार की ओर से 2021 में लागू किए गए नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी (निपुण) भारत मिशन के तहत बच्चों ने जो सीखा है उसका एक खास प्रकार के टेस्ट के जरिए मूल्यांकन किया जाता है। यह जानने के लिए कि उन्हें जो पढ़ाया गया है उसका वास्तविक लाभ मिला या नहीं। इसकी रिपोर्ट के आधार पर सुधारात्मक उपाय किए जाते हैं। अभी तक बाल वाटिका से कक्षा दो तक के बच्चों को इस मिशन में शामिल किया गया है। वैसे तो यह योजना सैद्धांतिक रूप से कक्षा दो तक लागू है। लेकिन, व्यवहारिक रूप में कक्षा तीन तक के बच्चों को न्यूनतम शैक्षणिक अधिगम प्राप्ति के प्रयासों में शामिल किया गया है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से भेजे गए दिशा-निर्देश के क्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं नेशनल कॅरीकुलम फ्रेमवर्क के परिप्रेक्ष्य में यूपी में अब कक्षा तीन से पांच तक यह योजना लागू करने जारहे हैं। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) निदेशक की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने आठ अगस्त के अपने पत्र में कमेटी को कक्षा तीन से पांच तक के लक्ष्य एवं सूची का निर्धारण करने के साथ, कार्यक्रम के अंतर्गत प्रस्तावित विषय, निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कार्ययोजना एवं वित्तीय उपाशय पर अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह में देने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय की ओर से पांच जुलाई 2021 को लागू किए गए निपुण भारत मिशन के तहत 2026-27 तक छह से लेकर नौ वर्ष तक की आयु के बच्चों, जो कक्षा एक से तीन तक में अध्ययनरत हैं, को न्यूनतम निर्धारित ज्ञान का स्तर प्राप्त करना है।

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