मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगले 10 वर्षों में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन दर (जीईआर) को 50 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह दर वर्तमान में 25 फीसदी है। उन्होंने कहा कि हर मंडल में एक विश्वविद्यालय का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। अब हम एक जिला-एक विश्वविद्यालय की ओर बढ़ रहे हैं। इन नए विश्वविद्यालयों की स्थापना से यह दर सुधारने में सहायता मिल रही है।वह रविवार को प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के क्रियान्वयन तथा भावी कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक, व्यावसायिक, कृषि तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिवों ने अपने-अपने विभागों की प्रगति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी एनईपी को लागू करने वाला अग्रणी राज्य रहा है। उन्होंने आजमगढ़ स्थित महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय में महान साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन के नाम पर शोधपीठ स्थापित करने का निर्देश दिया। यह पीठ राहुल सांकृत्यायन के व्यक्तित्व कृतित्व पर शोध-अध्ययन के लिए युवाओं के लिए उचित मंच प्रदान करेगी। स्नातक व डिप्लोमा उत्तीर्ण युवाओं को औद्योगिक संस्थानों में अप्रेटिशशिप की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक पिछले वित्तीय वर्ष में 53 हजार से अधिक युवा इस योजना से जुड़े और इस वर्ष 11 हजार ने पंजीयन कराया है। सभी प्रशिक्षुओं को समय से मानदेय दें। उपकार को बनाएं उपयोगी मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि शिक्षा, शोध एवं अनुसंधान में अपार अवसर हैं। करियर की दृष्टि से भी यह सेक्टर बड़ी संभावनाएं समेटे हुए हैं। हाल के वर्षों में बड़ी संख्या में युवाओं का आकर्षण इस ओर देखने को मिला है। आज सभी चार कृषि विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित हो रहे हैं।