Fri. Apr 18th, 2025

बेसिक शिक्षकों के अंतःजनपदीय (जिले के अंदर) तबादलों की नीति 27 दिसंबर को जारी हुई। उसके बाद 6 जनवरी को अंतरजनपदीय (जिले के बाहर) तबादलों की नीति भी जारी हो गई। तब से शिक्षक तबादला प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन शिक्षा विभाग ने उसके बाद कोई आदेश अब तक जारी नहीं किया। शिक्षक लगातार तबादले शुरू करने की मांग कर रहे हैं। साल में दो बार तबादलों का शासनादेश बेसिक शिक्षा विभाग का अपना ही शासनादेश है कि अंतःजनपदीय तबादले और अंतरजनपदीय तबादले साल में दो बार गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों में होंगे। तबादला प्रक्रिया साल में कभी भी चल सकती है लेकिन तबादला आदेश अवकाश के दिनों में ही होंगे। हकीकत यह है कि साल में दो बार की बजाय डेढ़ साल में एक बार तबादले हो पाते हैं। वजह है शिक्षा विभाग की लेटलतीफी।

पहले डेढ़ साल में हुए तबादले<

/strong> – इससे पहले भी बेसिक शिक्षा विभाग डेढ़ साल में तबादले पूरे कर पाया था। वजह यह कि सर्दियों की छुट्टियों में प्रक्रिया शुरू की। उसके बाद रोक-रोक कर तबादला प्रक्रिया चलती रही। गर्मियों और फिर अगली सर्दियों की छुट्टियां बीत गईं। बाद में फिर अगली गर्मियों की छुट्टियों में तबादला आदेश हो पाए। शिक्षकों का कहना है कि सर्दियों की छुट्टी में नीति जारी कर दी गई। ऐसे में तबादला प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए थी, ताकि अगली गर्मियों की छुट्टियों तक तबादला आदेश हो जाएं। तबादला प्रक्रिया नियमित चले, तब भी दो-तीन महीने पूरे होने में लग जाते हैं। विभाग अभी फिर अगली छुट्टी में प्रक्रिया शुरू करेगा। ऐसे में वह छुट्टियों में उसे पूरी नहीं कर पाएगा और फिर अगली सर्दी का इंतजार करना होगा।

‘शासनादेश स्पष्ट, उसका पालन हो’ – इस बारे में प्राथमिक शिक्षक शासनादेश में साफ लिखा है कि साल में दो बार तबादले होंगे और प्रक्रिया साल भर चल सकती है। इसका पालन अधिकारियों को करना चाहिए। प्राथमिक अधिकारी शिक्षकों से हर काम समय पर चाहते हैं। शिक्षकों के हित के काम वर्षों तक लटके रहते हैं। जब शासनादेश है, तो उसके अनुसार समयबद्ध तबादले करने चाहिए।

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