राजधानी समेत पूरे मंडल में बिना मान्यता संचालित निजी स्कूलों के खिलाफ जल्द ही कड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (एडी बेसिक) ने लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई, उन्नाव और रायबरेली के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बिना मान्यता वाले स्कूलों की पहचान कर जांच कराएं और रिपोर्ट सौंपें।बीएसए स्तर से खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को जिम्मेदारी दी गई है कि वे ब्लॉकवार ऐसे स्कूलों का सत्यापन करें। यदि जांच में कोई विद्यालय बिना मान्यता संचालित होता पाया गया या एक मान्यता प्राप्त स्कूल के नाम पर दूसरी बिना अनुमति शाखा चलती मिली, तो खंड शिक्षा अधिकारी को ही जिम्मेदार माना जाएगा। बेसिक शिक्षा परिषद, सीबीएसई और सीआईएससीई से संबद्ध सभी स्कूलों पर यह निर्देश समान रूप से लागू होंगे। दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी – बीएसए रामप्रवेश ने सभी बीईओ को निर्देशित किया है कि बिना मान्यता चल रहे स्कूलों की रिपोर्ट जल्द सौंपें। यदि ऐसे स्कूल पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के साथ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। जुर्माना और सजा – बिना मान्यता पाए जाने पर स्कूल प्रबंधन पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि इसके बावजूद विद्यालय संचालित होता है, तो 10,000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा। इन बिंदुओं पर होगी जांच – विद्यालय की मान्यता कब और किस संस्था से हुई, यदि शाखा है, तो उसकी पृथक मान्यता प्राप्त है या नहीं मान्यता और संस्था (सोसाइटी) का नवीनीकरण अग्निशमन विभाग (फायर ब्रिगेड) की एनओसी की वैधता ,बच्चों की सुरक्षा मानकों की स्थितिस्कूल भवन की संरचनात्मक स्थिति।