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BASIC SHIKSHA KI CHARCHA.IN शीतकालीन अवकाश के उपरांत विद्यालय खुलने वाला है। और विद्यालय खुलने के साथ ही विभिन्न कार्य कर लेना नितांत आवश्यक होगा।जैसा कि आप सभी भली भांति अवगत होंगे कि वर्तमान मे विभिन्न आदेश एवम निर्देशों में प्रत्येक विद्यालय को निपुण विद्यालय बनाने की बात कही जा रही है। इस दिशा में आप शिक्षको द्वारा विभिन्न प्रयास किये भी जा रहे है। लेकिन कुछ ऐसे कार्य जो आपके कक्षा व विद्यालय को निपुण विद्यालय बनाने में सहायक होंगे ही साथ ही विभिन्न निरीक्षण में भी आपको किसी भी प्रकार के समस्या से भी बचाएंगे। हम इन्ही बिन्दुवों पर चर्चा करेंगे-
निपुण कार्य योजना-निप
;ुण भारत मिशन के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय को एक समयावधि प्रदान की गई है जिसमें उसे अपने विद्यालय को निपुण विद्यालय बनाना है |इसी क्रम में पूर्व में अनुश्रवण पे आने वाले ARP गण द्वारा निपुण कार्ययोजना की मांग की जाती रही है | वर्तमान में आये नए निर्देश के क्रम में संकुल स्तर पर होने वाले मासिक बैठक में अब सभी प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक को अपने विद्यालय को निपुण विद्यालय बनाने हेतु कार्ययोजना को दिखाना होगा |संक्षेप में सभी विद्यालय को निपुण कार्ययोजना बनाना अनिवार्य होगा |निपुण कार्ययोजना क्या है इसे कैसे बनाए –
निपुण कार्ययोजना बनाने से पूर्व यह समझना आवश्यक होगा की निपुण कार्ययोजना हैं क्या ?विद्यालय को चरण बद्धतरीके से निपुण विद्यालय बनाने हेतु किये जाने वाले प्रयास एवं समय -समय पर बच्चों का विभिन्न आकलन का अभिलेखीकरण ही निपुण कार्ययोजना है |
शिक्षक डायरी-प्रत्येक शिक्षक को कक्षा शिक्षण से पूर्व की गई तैयारी का अभिलेखीकरण शिक्षक डायरी के रूप में करना अनिवार्य है |
शिक्षण योजना-वर्तमान में पाठ योजना के स्थान पर शिक्षण योजना बनाया जाना है |
यह ऐसे कार्य है जो करने से आप निरिक्षण में असहजता की स्थति से बच सकते है |
वैधानिक चेतावनी -इस लेख के सर्वाधिकार सुरक्षित|