बच्चों की उपस्थिति में प्रदेश में सबसे फिसड्डी आया बाराबंकी, डीएम के सख्त तेवर छात्रों की कम उपस्थिति पर 75 स्कूलों के शिक्षकों का वेतन रोका
कार्रवाई ।1।
बाराबंकी। छात्रों की उपस्थिति के मामले में बाराबंकी की स्थिति प्रदेश के 75 जिलों में सबसे शर्मनाक रही। शासन स्तर पर हुई समीक्षा में जिले को प्रदेश में 75वां स्थान मिला है। जिले के सभी स्कूलों की औसत उपस्थिति करीब 33 फीसद रही है। इससे डीएम के तेवर तल्ख हैं।
बीएसए ने प्रत्येक ब्लॉक के सबसे
कम उपस्थिति वाले पांच-पांच स्कूलों के सभी शिक्षक कर्मियों का वेतन अगले आदेश तक रोक दिया है। 75 स्कूलों में औसत स्टॉफ करीब दो सौ है। बीएसए की इस कार्रवाई से शिक्षक कर्मियों में हड़कंप मचा है।
मुख्य सचिव ने की थी वीसी में समीक्षा: प्रदेश के मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों के साथ बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा की थी। इसमें छात्रों के उपस्थिति की भी समीक्षा हुई। जिसमें
■ समीक्षा में जिले की स्थिति ठीक नहीं मिली ■ स्कूलों में तैनात हैं औसतन दो सौ शिक्षक
बाराबंकी जनपद की स्थिति सबसे खराब मिली। प्रदेश में 75 जिलों में बाराबंकी को छात्रों की उपस्थिति के मामले में 75वां स्थान मिला है। जिले में परिषदीय विद्यालयों में छात्रों की औसत उपस्थिति करीब 33 फीसद ही रही। इससे जिलाधिकारी अविनाश कुमार भी काफी नाराज हैं।
75 स्कूलों के पूरे स्टॉफ का वेतन बीएसए ने रोकाः प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों में छात्र उपस्थिति में मामले में बाराबंकी की भद्द होने के बाद विभाग अब एक्शन मोड़ में है। एमडीएम पोर्टल पर छात्र उपस्थिति के अनुसार प्रत्येक ब्लॉक में सबसे कम उपस्थिति वाले पांच स्कूलों के समस्त स्टॉफ का वेतन बीएसए संतोष देव पांडेय ने अगले आदेशों तक रोक दिया है। उल्लेखनीय
है कि इनमें निन्दुरा, हरख, त्रिवेदीगंज हैदरगढ़, बंकी, मसौली ऐसे ब्लाक हैं जहां पर चार से छह-सात तक शिक्षक तैनात हैं। गुरुवार को हुई कार्रवाई में दो सौ से अधिक शिक्षक व कर्मचारियों का वेतन रोका गया है।
में हड़कम्प मच गया।
शाम को प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राकेश सिंह ने बीएसए से मुलाकात कर एक मौका देने का अनुरोध किया। इतना ही नहीं विश्वास दिलाया कि सभी शिक्षक अपने-अपने विद्यालयों में उपस्थिति
शिक्षकों में मचा हड़कम्प : आदेश जारी होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग को बढ़ाएंगे।