Sat. Dec 21st, 2024

कैशलेस इलाज के लिए डीएम को पंजीकरण की जिम्मेदारी

लखनऊ, विशेष संवाददाता राज्य स&

#x930;कार ने लाखों सेवारत और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को कैशलेस इलाज की सुविधा तो प्रदान कर दी, मगर उसका लाभ ज्यादा लोगों को नहीं मिल पा रहा।

दरअसल कर्मचारियों और पेंशनरों के कैशलेस इलाज की सुविधा के लिए शुरू की गई पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के तहत पंजीकरण की गति बेहद धीमी है। अब सरकारी कर्मियों का योजना के तहत पंजीकरण कराने का जिम्मा डीएम का होगा। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को 31 अगस्त तक इस काम को पूरा कराने के निर्देश दिए हैं।

कैशलेस योजना के तहत राज्य कर्मचारियों व पेंशनरों को आयुष्मान योजना के तहत पंजीकृत सभी निजी है। अस्पतालों में पांच लाख तक हर साल मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है। वहीं सरकारी अस्पतालों व चिकित्सा संस्थानों में खर्च की कोई सीमा तय नहीं है। मगर सरकारी कर्मचारियों को योजना का वास्तविक लाभ तो तब मिले, जब उनके कैशलेस इलाज के लिए कार्ड बनें। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने योजना की समीक्षा की तो पता चला कि पहले तो

■ जिलों में योजना की धीमी गति पर मुख्य सचिव ने जताई नाराजगी

31 अगस्त तक पूरे कराने होंगे कर्मचारियों-पेंशनरों के पंजीकरण

25 जुलाई तक यह रही स्थिति

लाभार्थी आवेदन स्वीकृत कर्मचारी 2,68,232 1,95,623

पेंशनर 1,29,563 1,07,914

पंजीकरण की गति धीमी है, जिन्होंने करा भी लिया है तो संबंधित आहरण- वितरण अधिकारी के स्तर पर मामले लटके हैं। इसी तरह सेवानिवृत्त कर्मियों के मामले में यह आवेदन सीएस ने इस पर नाराजगी जाहिर की

सभी डीएम को निर्देश दिए गए हैं। कि जिलों में सभी सरकारी विभागों के प्रभारी अधिकारियों तथा मुख्य कोषाधिकारी के साथ लाभार्थियों के तत्काल पंजीकरण की रणनीति बनाई जाए। सभी लाभार्थियों द्वारा पोर्टल पर पंजीकरण और सभी आहरण वितरण अधिकारियों द्वारा आवेदनों का सत्यापन 31 अगस्त तक पूरा कर लिया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *