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समेकित शिक्षा के तहत जिले के य&

#x939; अति दिव्यांग बच्चों को घर पर ही पढ़ाने की व्यवस्था सरकार ने की है फिरने लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग के बच्चों अधिकारियों की लापरवाही के चलते जाता शासन की योजना फेल साबित हो रही है। पिछले वित्तीय वर्ष में 96 हो बच्चों को पढ़ाई सामग्री भी उपलब्ध कराई गई थी। इस वर्ष 110 बच्चों को पाते चिन्हित किया गया है। विभाग ने अभी तक टीएलएम किट भी नहीं खरीदी है जबकि पढ़ाई का आधा सत्र गुजर चुका है। बेसिक शिक्षा विभाग ने चलने फिरने में पूरी तरह से असमर्थ दिव्यांग बच्चों को साक्षर बनाने के लिए टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मेटेरियल) के माध्यम से घर पर पढ़ाए जाने की व्यवस्था की है। चालू वित्तीय वर्ष के तहत जिले में अतिगंभीर दिव्यांग श्रेणी के सभी ब्लाकों को मिलाकर कुल 110 बच्चों को सूचीबद्ध किया गया है। समेकित शिक्षा के तहत तैनात विशेष शिक्षकों को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है लेकिन सबसे बड़ी बात है अभी तक टीचिंग लर्निंग मैटेरियल खरीदा ही नहीं गया है। जिसके चलते समय पर चयनित दिव्यांगों की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है जबकि पढ़ाई का आधा सत्र गुजर चुका है ऐसे में कोर्स कैसे पूरा होगा। अब बात यहां महत्वपूर्ण है कि दिव्यांगों के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ से शासन की मंशा पर पानी फिर रहा है।

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