Sun. Dec 22nd, 2024

विधान सभा में शुक्रवार को सरकार ने बेरोजगारों की नियुक्ति की आयु सीमा बढ़ाने से इन्कार करते कहा कि सरकारी नौकरियां सीमित हैं। सबको सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती है। सरकार विभिन्न माध्यमों से लोगों को नौकरी व रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर सपा सदस्यों ने सदन का बहिर्गमन किया। विधान सभा में सपा के विनोद चतुर्वेदी, अभय सिंह व डा. संग्राम यादव के सवाल पर पहले तो जवाब श्रम मंत्री अनिल राजभर दे रहे थे, किंतु उनके जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ तो शोर-शराबा होने लगा। बाद में कमान संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने संभाली और कहा कि इस वर्ष अक्टूबर तक 8.67 लाख लोगों को रोजगार दिया जा चुका है। 20 हजार महिलाओं को पुलिस की नौकरी दी गई। सरकार ने बीसी सखी योजना चला कर 58 हजार महिलाओं को रोजगार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा साफ है, लेकिन सरकारी नौकरियां सीमित हैं। सपा, बसपा व कांग्रेस किसी की भी सरकार हो सरकारी नौकरी देने की सीमा है।
अनिल राजभर ने कहा कि सेवायोजन कार्यालय अभ्यर्थियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने विभाग की विभिन्न योजनाओं का जिक्र भी किया। विपक्ष ने पूछा कि सरकार ने अब तक कितनी सरकारी नौकरियां दी हैं उसका जवाब मंत्री दे दें। साथ ही पांच वर्ष में आउटसोर्स के माध्यम से कितनों को रोजगार मिला और उसमें कितने एससी, एसटी व ओबीसी के हैं। श्रममंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर सपा सदस्यों ने सदन का बहिर्गमन किया।

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