Fri. Oct 10th, 2025

लखनऊ – गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच कराने के बाद अब सरकार अनुदानित व स्थायी मान्यता प्राप्त मदरसों की भी जांच कराने जा रही है। मदरसों में तैनात शिक्षकों व कर्मचारियों की शैक्षिक योग्यता व मूलभूत सुविधाओं की जांच होगी। जांच के लिए प्रत्येक जिले में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी व डीएम द्वारा नामित खंड शिक्षा अधिकारी की समिति बना दी गई है। मदरसों की जांच पर उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डा. इफ्तिखार अहमद जावेद ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि इससे परीक्षाएं बाधित होंगी। उन्होंने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह से मिलकर उन्हें पत्र सौंपा और जांच बोर्ड परीक्षा तक स्थगित करने का अनुरोध किया। मदरसा बोर्ड की रजिस्ट्रार प्रियंका अवस्थी ने निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण को पत्र भेजकर जांच कराने का अनुरोध किया था। इसी के तहत अल्प संख्यक कल्याण विभाग की निदेशक जे. रीभा ने सभी मंडलीय उप निदेशक और सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को पत्र भेजकर जांच के निर्देश दिए हैं। जिन जिलों में 20 से अधिक मदरसे हैं वहां दूसरी समिति उप निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण व डीएम द्वारा नामित खंड शिक्षा अधिकारी रहेंगे। निदेशक ने मदरसों के भवनों, आधारभूत सुविधाओं एवं कार्यरत शिक्षक तथा कर्मचारियों के शैक्षिक अभिलेखों की जांच कराने के निर्देश दिए थे। यह जांच 30 दिसंबर तक पूरी कर रिपोर्ट मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार को देना होगा। प्रदेश में 560 मदरसों को सरकार से अनुदान मिलता है। इसकी जांच पहले चरण में 30 दिसंबर तक पूरी करनी है। दूसरे चरण में 3,834 स्थायी मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच 15 जनवरी से 30 मार्च के बीच होनी है। निदेशक ने पत्र में यह भी लिखा कि प्रदेश में स्थित मदरसों में अब भी आधारभूत सुविधाओं का अभाव है और वहां पढ़ रहे बच्चों को गुणवत्तापरक वैज्ञानिक एवं आधुनिक शिक्षा प्राप्त नहीं हो पा रही है जिसके कारण छात्रों को रोजगार के समुचित अवसर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। वहीं, मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डा. इफ्तिखार अहमद जावेद ने इस पर नाराजगी जताते हुए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री से मिलकर उन्हें एक पत्र सौंपा है। कहा कि मदरसों में अभी कंपार्टमेंट का परीक्षाफल घोषित किया जाना है। बोर्ड के फार्म भरे जा रहे हैं। अल्प संख्यक कल्याण विभाग निदेशक जे. रीभा का कहना है कि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री के साथ मंगलवार को एक बैठक हुई थी जिसमें मदरसों की जांच व परीक्षाओं के बारे में विचार- विमर्श हुआ। यह विचार भी सामने आया कि बोर्ड परीक्षा के बाद मदरसों की जांच करा ली जाए। हालांकि अभी मदरसों की जांच रोकने के संबंध में कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं हुए हैं। ऐसे में जांच करने का पहले वाला आदेश प्रभावी है।

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