एक राष्ट्र, एक छात्र’ के तहत अब हर छात्र की विशिष्ट पहचान (12 अंक की आईडी) होगी, जो उसकी बाल वाटिका से पीएचडी की पढ़ाई और नौकरी पाने तक मददगार होगी। आधार की तर्ज पर काम करने वाली इस आईडी को ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (एपीएएआर) नाम दिया गया है। यह योजना शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू होगी। केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा से जुड़े 4.50 करोड़ छात्रों में से 2.50 करोड़ को एपीएएआर प्रदान कर दिया है। शेष छात्रों के लिए एपीएएआर का निर्माण जारी है स्कूली छात्रों की यूनिक आईडी बनाने के लिए राज्यों से जानकारियां जुटाई जा रही हैं। योजना लागू होने पर स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक छात्र देश में कहीं भी जाकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकता है। फिलहाल, ट्रांसफर सर्टिफिकेट से लेकर अन्य जटिलताओं के कारण इस प्रक्रिया (माइग्रेशन) में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।