Sat. Oct 11th, 2025

गलत इरादे से मासूमों को तरह-तरह से बैड टच किया गया लेकिन उन्हें इसका पता ही नहीं चला कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा था। समय के साथ समझ बढ़ी तो उन बातों को सोच कर मन में घृणा पैदा हो गई। शुआट्स से डीफिल करने वाली छात्रा प्रत्यांशी द्विवेदी ने जिले के सीबीएसई स्कूलों में कक्षा 11 व 12 में पढ़ने वाले 600 (320 छात्राओं व 280 छात्रों) के साथ उनके यौन शोषण के संबंध में मनोवैज्ञानिक और सामाजिक विकास का अध्ययन किया तो यह तथ्य सामने आए। हालांकि बैड टच कितने बच्चों के साथ हुआ इसका खुलासा अध्ययन में नहीं किया गया। इनफ्लिबनेट के शोधगंगा पर 2023 में अपलोड किए गए इस अध्ययन में निष्कर्ष दिया गया है कि बैड टच प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी के शैक्षिक प्रदर्शन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। सिफारिश की गई है कि किशोरों को यौन दुर्व्यवहार के जोखिम और सामाजिक नेटवर्क व सुरक्षात्मक एजेंसियों से प्राप्त होने वाली सहायता के बारे में उचित जानकारी देने की आवश्यकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *