यूपी के मुसलमान अब अपने धन्नों को मदरसों में भेजने में दिलचस्पी नहीं ले रहे। वजह धार्मिक शिक्षा के साथ ही साथ अंग्रेजी, गणित, विज्ञान आदि आधुनिक विषयों की पढ़ाई चौपट हो गई है। मदरसों में पढ़ने वालों की तादाद लगातार घटती जा रही है। वर्ष 2021 में एक लाख 62 हजार 672 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हुए थे जबकि 2023 में वर्ष 2024 की वार्षिक परीक्षा के लिए तो इनकी संख्या 90 हजार तक ही सीमित हो गई। यूपी के मान्यता प्राप्त 7442 मदरसों में 21216 नियुक्त-कार्यरत शिक्षकों को छह वर्षों से मानदेय नहीं मिल रहा वे शिक्षक शिक्षण में रुचि नहीं ले रहे।