Fri. Oct 10th, 2025

लखनऊ – स्कूली में शिक्षा में सुधार के लिए प्रदेश सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। अभी तक विश्वविद्यालयों में नैक मूल्यांकन होता आया है लेकिन उत्तर प्रदेश के प्राइमरी और माध्यमिक स्कूलों का भी नैक की तरह मूल्यांकन होगा। मूल्यांकन के मानकों के लिए स्कूल क्वालिटी असेसमेंट एंड एश्योरेंस फ्रेमवर्क (स्क्वॉफ) तैयार किया जा रहा है। जिसके आधार पर स्कूल की गुणवत्ता के आधार पर उसे ए, बी, सी या अन्य ग्रेड दी जाएगी। इस सम्बंध में अधिकारियों की एक बैठक सितम्बर माह में हो चुकी है।

12वीं तक के स्कूलों को स्कूल और ‘

5;ालेजों की ग्रेडिंग से अभिभावक और छात्र-छात्राओं के संस्थान के स्तर के अंदाजा हो जाता है। अभिभावक अपने बच्चों को किस विद्यालय में अपने बच्चों का प्रवेश कराना चाहिए और उस स्कूल की विशेषता क्या है, ये सारी चीजे मूल्यांकन के बाद अभिभावकों को पता रहेंगी। नैक मूल्यांकन की तरह ही अब प्रदेश के स्कूलों का शिक्षण कार्य, बुनियादी ढांचा, सुरक्षा, विषय, शिक्षकों की संख्या आदि पर मूल्यांकन होगा। स्कूल ऑनलाइन अपना डाटा अपलोड करेंगे। जिसका परीक्षण कराया जाएगा। इसके बाद स्कूलों का ए, बी, सी व अन्य श्रेणियों में बांटा जाएगा।
यह काम एसक्यूएएएफ (स्क्वॉफ) के माध्यम से होगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) इसे तैयार कर रहा है।

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