प्राथमिक स्कूलों से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों तक शिक्षकों व अनुदेशकों की भर्ती लिखित परीक्षा के आधार पर ही होगी। 90 प्रतिशत अंक लिखित परीक्षा के और 10 प्रतिशत अंक साक्षात्कार के जोड़कर मेरिट सूची बनाई जाएगी। पारदर्शिता के लिए साक्षात्कार में न्यूनतम 40 प्रतिशत व अधिकतम १० प्रतिशत तक अंक दिए जा सकेंगे। जहां साक्षात्कार नहीं होगा वहां लिखित परीक्षा के अंकों के आधार पर ही भर्ती की जाएगी। यह उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग तय करेगा। परीक्षा दो घंटे की होगी और इसमें वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे। परीक्षा ओएमआर शीट पर कराई जाएगी। बुधवार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग नियमावली को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी मिलने के बाद इसकी आधिसूचना जारी कर दी गई। यह आयोग प्राथमिक स्कूलों, उच्च प्राथमिक स्कूलों, माध्यमिक स्कूलों, डिग्री कालेजों, अल्पसंख्यक स्कूल व कालेजों में शिक्षकों के साथ-साथ अनुदेशकों की भर्ती करेगा। नए आयोग की भर्ती से सबसे बड़ा फेरबदल प्राथमिक स्कूलों व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के चयन में होगा। यहां अभी तक 60 प्रतिशत अंक लिखित परीक्षा और 40 प्रतिशत अंक शैक्षिक गुणांक के होते थे। शैक्षिक गुणांक में हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक और बीएड व बीटीसी के अंक जोड़े जाते थे। अब ऐसा नहीं होगा। वहीं डिग्री कालेजों में प्रचार्यों की भर्ती में लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और शैक्षिक प्रदर्शन सूचक (एपीआइ) के अंक जोड़कर चयनित अभ्यर्थियों की मेरिट तैयार की जाएगी। अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में भर्ती के लिए एक अलग विशेषज्ञ पैनल भी होगा जो पूरी भर्ती प्रक्रिया पर अपनी नजर रखेगा। इस आयोग के अस्तित्व में आने के बाद उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पूर्णकालिक कर्मचारी इस नए आयोग के अधीन कार्य करेंगे।