मऊ। शासन प्रशासन की तरफ से तमाम फरमान जारी किए जाने के बाद भी बच्चे कोर्स में निपुण नहीं हो पा रहे हैं। निपुण असेसमेंट टेस्ट में 9890 बच्चों ने ई ग्रेड यानी 40 फीसदी से कम अंक हासिल किए हैं। अब विभाग लापरवाह शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों को – प्रतिकूल प्रविष्टि देगा। गत दिनों जिलाधिकारी ने एक परिषदीय विद्यालय के निरीक्षण में शैक्षिक गुणवत्ता दयनीय मिली थी। जिलाधिकारी के फरमान पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने विद्यालयवार समीक्षा शुरू कर दिया है। समीक्षा के आधार पर शिक्षकों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। सुधार न होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जिले में 1208 परिषदीय विद्यालयों में 1.48 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं। कक्षा एक से तीन के. बच्चों को भाषा और गणित में दक्ष बनाने के लिए निपुण भारत मिशन चल रहा है। विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता की मानीटरिंग के लिए भारी भरकम स्टाफ की तैनाती भी की गई है। गत 15 सितंबर 2023 को परिषदीय विद्यालय के नौनिहालों का निपुण असेस्मेंट टेस्ट आयोजित किया गया था। इस टेस्ट में कक्षा एक से आठवीं कक्षा तक के नौनिहालों ने प्रतिभाग किया था। ओएमआर शीट पर नौनिहालों ने सवालों के जवाब दिए थे। शिक्षकों ने इस ओएमआर शीट को ऑनलाइन अपलोड किया था। नवंबर माह में घोषित हुए निपुण एसेसमेंट टेस्ट के परिणाम एक से तीसरी कक्षा के 3722 बच्चों ने ई ग्रेड हासिल किया है। जबकि चार से आठवीं कक्षा के 6168 बच्चों ने ई ग्रेड हासिल किया। रिजल्ट घोषित होने के लगभग एक माह बाद भी कमजोर विषयों में विद्यार्थियों का शैक्षिक ज्ञान बढ़ाया नहीं जा सका है। पिछले दिनों नगर के ख्वाजाहांपुर स्थित परिषदीय विद्यालय में शैक्षिक गुणवत्ता दयनीय मिली थी। संतोषजनक फीडबैक न मिलने पर विभागीय अधिकारियों ने विद्यालयवार समीक्षा करना शुरू कर दिया है। समीक्षा में लापरवाही मिलने पर संबंधित विद्यालय के शिक्षक, प्रधानाध्यापक को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। बीईओ से भी स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।