जहां एक तरफ़ सरकार विभिन्न योजनाओं को सीधे अभिभावकों तक पहुँचाने का प्रयास कर रही है वही कुछ हेडमास्टर सरकार के इस मंशा में पतीला लगाने का कम कर रही है ।गौरतलब हो कि मध्यान भोजन योजना के तहत मीनू के अनुसार बच्चों को भोजन दिया जाता है और कन्वर्जन कास्ट हेडमास्टर और ग्राम प्रधान के संयुक्त खाते में भेजी जाती है ।अब खेल यह हो रहा है कि हेडमास्टर बच्चों की उपस्थिति बढ़ा के अंकित कर रहे है जबकि भोजन पाने वाले बच्चों की संख्या कम ही रहती है ।अनुपस्थित बच्चों को भी उपस्थित दिखा उनका कन्वर्जन का भुगतान हेडमास्टर के द्वारा कर लिया जाता है।वही अधिकारियों का कहना है कि अगर ऐसा किसी प्रधानाध्यापक द्वारा किया जाता है तो उसपे कार्यवाही की जायेगी ।अब देखना है कि कब ऐसे हेडमास्टर पे लगाम लगता है ।