Wed. Sep 10th, 2025

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) में अच्छी ग्रेडिंग के लिए शिक्षण संस्थानों की ओर से गलत डाटा देने का फर्जीवाड़ा अब नहीं चलेगा। इसे रोकने के लिए ग्रडिंग सिस्टम को समाप्त कर दिया है। इसकी जगह पर बाइनेरी सिस्टम लागू होगा। संस्थाओं को एक्रीडिएटेड और नॉन एक्रीडिएटेड का दर्जा मिलेगा। इसमें उन्हें पांच लेवल तक की उपाधि मिलेगी। यह जानकारी राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम के अध्यक्ष अनिल सहस्त्रबुद्धे ने शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम में दी। उन्होंने बताया कि एक्रीडिएशन लेने वाली संस्थाओं को एक से पांच लेवल तक में बांटा जाएगा। लेवल पांच उन्हें मिलेगा, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालयों से टक्कर ले सकते हों। इसमें आवेदन के लिए मानक पूरे करने होंगे। उन्होंने बताया कि एक्रीडिएशन की नई व्यवस्था तीन महीने में लागू हो जाएगी। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों व विशेषज्ञता वाले संस्थानों के मानक अलग होंगे। वर्तमान में जिन संस्थानों के पास ग्रेडिंग की व्यवस्था है, उनमें बदलाव नहीं होगा।

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