माध्यमिक शिक्षा परिषद उप्र (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 22 फरवरी से शुरू हो रही हैं। इसके लिए बोर्ड की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। परीक्षा को नकलविहीन कराने के लिए केंद्रों से लेकर कक्ष निरीक्षकों और उत्तर पुस्तिकाओं तक में इस बार तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस बार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के कुल 55 लाख 25 हजार 308 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों के लिए सूबे में 8,265 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि 8,265 केंद्रों में 566 राजकीय विद्यालय, 3,479 सहायता प्राप्त और 4,220 वित्तवहीन विद्यालय शामिल हैं। इन परीक्षा केंद्रों पर कुल दो लाख 99 हजार 121 कक्ष निरीक्षक तैनात किए गए हैं। परीक्षा केंद्रों के निरीक्षण के लिए कुल 1,297 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 430 जोनल मजिस्ट्रेट, 75 राज्य स्तरीय पर्यवेक्षक और 416 सचल दल का गठन किया गया है। इसके साथ ही सभी परीक्षा केंद्रों पर एक-एक केंद्र व्यवस्थाक, वाह्य केंद्र व्यवस्थापक और स्टैटिक मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं। परीक्षा केंद्रों और स्ट्रांग रूम पर रखी जाएगी 24 घंटे नजर नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए परीक्षा केंद्रों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए केंद्रों के एक लाख 35 हजार परीक्षा कक्षों और परिसर में लगभग तीन लाख वॉयस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके लिए प्रत्येक जिले, पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों और माध्यमिक शिक्षा परिषद के मुख्यालय में कमांड और कंट्रोल सेंटर बनाए गए हैं, जहां से 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी। साथ ही कक्ष निरीक्षकों के परिचय पत्र में क्यूआर कोड लगाया गया है। उत्तर पुस्तिकाओं में भी अदला-बदली रोकने के लिए क्यूआर कोड लगाया गया है। साथ ही पहली बार उत्तर पुस्तिका के सभी पृष्ठों पर क्रमांक संख्या अंकित की गई है।
16 जिले अतिसंवेदनशील
tom_of_page -->मथुरा, बागपत, अलीगढ़, मैनपुरी, एटा, हरदोई, आजमगढ़, बलिया, मऊ, प्रयागराज, कौशाम्बी, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर, देवरिया और गोंडा