भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों का चुनाव प्रचार या चुनाव से जुड़े किसी भी कार्यक्रम में उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाया है। चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों के नेता और प्रत्याशी छोटे बच्चों को गोद में भी नहीं ले सकेंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बुधवार को बताया कि आयोग ने बालश्रम कानून के तहत आगामी लोकसभा चुनाव में प्रचार अभियानों व अन्य चुनावी गतिविधियों में बच्चों के उपयोग के प्रति शून्य सहनशीलता का संदेश दिया है। बताया कि राजनीतिक दलों, अभ्यर्थियों एवं चुनाव से जुड़े प्रशासनिक तंत्र को नाबालिग बच्चों का उपयोग नहीं करने का निर्देश दिए हैं। चुनाव के दौरान बच्चों को रैलियां निकालने, नारे लगवाने, पोस्टर एवं पत्रक बांटने के कार्य में नहीं लगाया जाएगा। राजनीतिक दलों के नेता और प्रत्याशी की ओर से बच्चों को गोद में लेने, वाहन या रैलियों में बच्चे को ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। किसी राजनीतिक दल की उपलब्धियों को बढ़ावा देने या विरोधी दलों व अभ्यर्थियों की आलोचना करने सहित किसी भी प्रकार से प्रचार- अभियान की झलक बनाने के लिए बच्चों का उपयोग करने पर भी प्रतिबंध लगाया है। कहा कि चुनाव कार्य में किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी या सरकारी मशीनरी की ओर से बच्चों का उपयोग पाया गया तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।