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सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के उस नियम के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी, जिसमें दो से अधिक बच्चे होने पर उम्मीदवार को सार्वजनिक नौकरी से वंचित कर दिया गया था। जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि कुछ इसी तरह का प्रावधान (जिसे पंचायत चुनाव लड़ने के लिए पात्रता शर्त के रूप में पेश किया गया था) को इस अदालत ने 2003 में एक मामले में बरकरार रखा था। पीठ ने बताया कि इस अदालत ने तब माना था कि वर्गीकरण, जो दो से अधिक जीवित बच्चे होने पर उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करता है, गैर-भेदभावपूर्ण और संविधान के दायरे में है, क्योंकि प्रावधान के पीछे का उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देना है। शीर्ष अदालत ने 12 अक्तूबर 2022 के राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पूर्व सैनिक रामजी लाल जाट की याचिका पर विचार करने से मना कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा था कि नियम नीति के दायरे में आता है और इसमें किसी हस्तक्षेप आवश्यकता नहीं है।

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