चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के तत्काल बाद राज्य सरकार प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों का अनुपात ठीक करेगी। इसके तहत सरप्लस शिक्षकों का जिले के अंदर ही समायोजन कर स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात को एक समान या बेहतर बनाया जाएगा।पिछले करीब डेढ़ दशक से समायोजन नहीं होने से विद्यालयों में शिक्षकों के अनुपात में बड़ी असमानता आ गई है। हालत यह है कि शहर या शहरी क्षेत्र के आसपास के विद्यालयों में सरप्लस शिक्षक तैनात हैं जबकि दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल एकल या दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं।
तैनाती के ये हैं मानक – प्र
3E;इमरी स्कूलों में 30 बच्चों पर एक शिक्षक, 45 बच्चों पर दो शिक्षक, 60 बच्चों पर तीन शिक्षक, 75 बच्चों पर चार शिक्षक तथा 90 बच्चों पर पांच शिक्षक के मानक तय किए गए हैं। परन्तु वर्तमान में इस मानक के अनुसार 85 फीसदी स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती कतई नहीं है।