प्रख्यात अमेरिकी अर्थशास्त्री हैरी डेंट ने अगले साल दुनियाभर के शेयरों बाजारों में 92 फीसदी तक की बड़ी गिरावट की आशंका जताई है। उनका दावा है कि यह 2008 की वैश्विक मंदी के समय आई गिरावट से भी बड़ी होगी। डेंट ने एक अमेरिकी टीवी चैनल से बातचीत में कहा, बाजार की मौजूदा तेजी एक बुलबुला है। यह कभी भी फूट सकता है। 1925 से 1929 के बीच बाजार में एक प्राकृतिक बुलबुला बना था। हालांकि, इसमें बाजार से जुड़े लोगों की कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने कहा, आमतौर पर बुलबुले 5-6 साल के अंदर फूटते हैं। लेकिन, वर्तमान बुलबुला पिछले 14 साल से बना हुआ है। ऐसे में गिरावट भारी होने वाली है। लंबे समय तक उबर नहीं पाएगा बाजार – अर्थशास्त्री का दावा है कि अमेरिका का एसएडंपी 86 फीसदी और नैस्डेक 92 फीसदी तक टूट सकता है। एनवीडिया जैसे शेयर अगर 98 फीसदी तक गिरते हैं तो समझिए कि सब खत्म है। अगर यह अनुमान सही साबित हुआ तो निवेशकों को लाखों करोड़ डॉलर का घाटा होगा और बाजार इससे लंबे समय तक नहीं उबर पाएगा।अब तक सही साबित हुआ है अनुमान: डेंट ने 1989 में जापान के एसेट प्राइस बुलबुले के फूटने की भविष्यवाणी की थी, जो सही साबित हुई थी। 2000 में उन्होंने डॉटकॉम को लेकर भी ऐसी आशंका जताई थी। यह भी सही साबित हुई। अर्थव्यवस्थाओं में लाई जा रही नकदी की बाढ़– अर्थशास्त्री ने कहा, मौद्रिक नीतियों में ढील देने व डांवाडोल जीडीपी को संभालने के लिए दुनियाभर की सरकारें अर्थव्यवस्था में जमकर पैसा डाल रही हैं। अतिरिक्त नकदी की यह बाढ़ लाकर अर्थव्यवस्थाओं को लंबी अवधि में फायदा पहुंचाने की उम्मीद की जा रही है, लेकिन हम तब देखेंगे, जब यह बुलबुला फूटेगा। 2008 के वित्तीय संकट की वजह संपत्ति की बढ़ी हुई कीमत थी। इस बार बुलबुले का बुलबुला बन रहा है। कोरोना संकट की वजह से दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में भारी कमजोरी देखी गई थी।