बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से नगर क्षेत्र के विद्यालयों में वर्ष 2010-11 व 2016-17 में रिक्त पद भरने के प्रयास किए गए, लेकिन स्थानांतरण में वरिष्ठता के प्रावधान के चलते शिक्षकों ने कोई रुचि नहीं दिखाई। वहीं, अधिकारियों ने भी इस संबंध में अपेक्षित प्रयास नहीं किए।नगर क्षेत्र में दिसंबर 2010 में तत्कालीन विशेष सचिव की ओर से समायोजन का आदेश जारी किया गया। इसमें खाली पदों के सापेक्ष 50 फीसदी पदों को संबंधित जिलों के ग्रामीण क्षेत्र से भरना था। किंतु आदेश में कहा गया था कि “चूंकि शिक्षकों के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र के संवर्ग अलग-अलग हैं। ऐसे में ग्रामीण से नगर में आने वाले सहायक अध्यापक कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से कनिष्ठतम माने जाएंगे और वरिष्ठता सूची में नाम, योगदान व जन्मतिथि की वरिष्ठता के आधार पर जोड़े जाएंगे।” इस प्रक्रिया में वरिष्ठता प्रभावित होने से शिक्षकों ने ज्यादा रुचि नहीं दिखाई।इसी क्रम में दिसंबर 2016 में भी विभाग के सचिव ने नगर महापालिका/ नगर पंचायत में स्थित प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापकों के पदों पर ग्रामीण से नगर में विकल्प के आधार पर समायोजन का आदेश जारी किया। इसमें भी वहीं नियम जुड़ने से काफी कम शिक्षक आने को राजी हुए। इसका असर नगर क्षेत्र के स्कूलों की बदहाली के रूप में बढ़ता रहा। शिक्षकों का कहना है कि अगर विभाग नियमावली में आंशिक संशोधन कर, वरिष्ठता प्रभावित न होने का निर्णय ले तो समाधान हो सकता है। आज नगर क्षेत्र का एचआरए व सीसीए बेहतर है, ऐसे में कोई भी शिक्षक आने को तैयार है। किंतु अधिकारी ही रुचि नहीं ले रहे हैं।