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नीट-यूजी 2024 में अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) और बिहार सरकार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, उसे 24 लाख परीक्षार्थियों के भविष्य की चिंता है, पर परीक्षा कराने वाली संस्था एनटीए का पक्ष सुने बिना सीबीआई जांच की मांग पर एकतरफा फैसला नहीं सुनाया जा सकता।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस स&#

x902;दीप मेहता की पीठ सीबीआई जांच की मांग वाली हितेन सिंह कश्यप की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, इसमें 24 लाख परीक्षार्थियों के भविष्य का सवाल है। इस पर पीठ ने कहा, हम समझते हैं। हमें भी चिंता है, लेकिन एनटीए का पक्ष सुनना भी जरूरी है। इस जनहित याचिका पर भी 8 जुलाई को सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान कई वकीलों ने बिहार में नीट पेपर लीक का मुद्दा उठाया और 6 जुलाई से शुरू होने वाली काउंसलिंग स्थगित करने के लिए कोर्ट से फिर से निर्देश देने की मांग की। हालांकि पीठ ने दोहराया, काउंसलिंग नहीं रोकेंगे। एक वकील ने दलील दी, एनटीए ने बृहस्पतिवार को अहम तथ्य छिपाकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश प्राप्त किया। वकील ने कहा, 1,563 बच्चों को फिर परीक्षा में बैठने का मौका मिल रहा है, लेकिन एनटीए ने यह तथ्य सामने नहीं रखा कि इनमें से 790 बच्चे ही पास हुए थे। शेष 773 कृपांक मिलने के बावजूद पास नहीं हो पाए। उन्हें मौका क्यों मिलना चाहिए? इस पर जस्टिस मेहता ने कहा कि आप लिखित आवदेन दें, हम संज्ञान लेंगे।

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