मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार और कार्य में लापरवाही के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के मद्देनज़र दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। करीब 65 लाख रुपये के पेंशन घोटाले के दोषी महाराजगंज के समाज कल्याण अधिकारी शंकर लाल की सेवा समाप्त कर दी गई है। यह घोटाला औरैया में उनकी तैनाती के दौरान हुआ था। शंकर लाल से वसूली के भी आदेश जारी हुए हैं।इसके अलावा शासन द्वारा मीरजापुर और बांदा के चकबंदी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं मैनपुरी में भी चकबंदी से जुड़े आधा दर्जन अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। निलंबित चंकबंदी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। मैनपुरी के अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ भी विभागीय जांच और कारण बताओ नोटिस जारी की गई है।चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि बांदा में वित्तीय वर्ष 2023-24 में धारा -27 व 52 के तहत ग्राम उमरेहडा का कार्य पूर्ण न करने, ग्राम बहिंगा में सहायक चकबन्दी अधिकारी स्तर पर सृजित चकों की त्रुटियों का निराकरण कर कार्य आगे बढ़ाने के बजाय ग्राम को सहायक चकबन्दी अधिकारी स्तर पर प्रत्यावर्तित करने के कारण चकबंदी अधिकारी राणा प्रताप को निलंबित कर दिया गया है। मीरजापुर में ग्राम नवैया की चक संख्या-950 आदि से मृतक शेषनरायन सिंह की वरासत मनमाने तौर पर बिना जांच चार बार पृथक-पृथक आदेश पारित कर पद का दुरुप्रयोग करने में चकबंदी अधिकारी राजेन्द्र राम को निलम्बित किया गया है।