Thu. Nov 6th, 2025

उच्च शिक्षण संस्थानों में साल में दो बार प्रवेश देने की मंजूरी के साथ ही शिक्षा मंत्रालय ने अगले शैक्षणिक सत्र यानी 2025- 26 से दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को भी साल में दो बार कराने को लेकर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार कराने की फिर से जानकारी दी और कहा कि अभी तक इसे जेईई की तर्ज पर कराने पर सहमति बनी है। इसमें पहली परीक्षा फरवरी में और दूसरी परीक्षा अप्रैल में होगी। छात्रों को दोनों ही परीक्षाओं में शामिल होने के विकल्प दिए जाएंगे। इनमें से उनका प्रदर्शन जिसमें बेहतर होगा उसे ही अंतिम स्कोर माना जाएगा।प्रधान ने बताया कि वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षाएं कराने के बेहतर तरीके को लेकर मंत्रालय की सीबीएसई सहित दूसरे शिक्षा बोर्डों के साथ ही चर्चा चल रही है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के अनुसार इस पहल से बोर्ड परीक्षा को लेकर छात्रों का तनाव कम होगा। किसी कारण से किसी छात्र का पहली बार में यदि पेपर खराब हो गया, तो उसके पास दूसरी बार परीक्षा देने का विकल्प रहेगा। वहीं उच्च शिक्षण संस्थानों में साल में दो बार प्रवेश देने के फैसले के बाद अब बारहवीं के परीक्षा मे देरी के चलते ऐसे बच्चों के दाखिले को लेकर उठ रहे सवाल भी खत्म हो गए। उसे अब प्रवेश के लिए एक साल का इंतजार नहीं करना होगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में साल में दो बार प्रवेश देने की मंजूरी के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने यह भी साफ किया है कि सीयूईटी के आधार पर ही दोनों ही सत्रों में छात्रों को प्रवेश मिलेगा। दूसरे सत्र में प्रवेश के लिए उन्हें अलग-अलग से कोई परीक्षा नहीं देनी होगी। अभी जुलाई के सत्र केलिए सीयूईटी होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *