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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से पीसीएस जे मुख्य परीक्षा-2022 की 18 हजार से अधिक कॉपियों के फेक मास्टरकोड को डिकोड किए जाने के बाद कॉपियां अभ्यर्थियों को दिखाए जाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, कॉपियों की अदला-बदला के आरोप लगने के बाद बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत कॉपियां देखने के लिए आवेदन कर रखे थे।पीसीएस जे मुख्य परीक्षा-2022 के एक अभ्यर्थी ने सूचना के अधिकार के तहत अपनी उत्तर पुस्तिका के अवलोकन के बाद दावा किया था कि अंग्रेजी विषय की कॉपी पर उसकी हैंडराइटिंग नहीं है। इसी आधार पर अभ्यर्थी ने कॉपी बदले जाने का आरोप लगाया था। मामला न्यायालय में जाने के बाद आयोग ने पीसीएस जे मुख्य परीक्षा में शामिल 3019 अभ्यर्थियों की 18042 उत्तर पुस्तिकाओं की जांच शुरू करा दी थी।इसके तहत सभी कॉपियों के फेक मास्टरकोड को डिकोड किया जा रहा था, ताकि कॉपी की अदला-बदली का सच सामने आ सके। फेक मास्टरकोड को डिकोड किए जाने के बाद पता चल सकेगा कि कौन सी कॉपी किस अभ्यर्थी की है। यूपीपीएससी ने जिस तरह की सभी अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा कॉपियां दिखाने का निर्णय लिया है, उससे यही संकेत मिल रहे हैं कि जांच के बाद आयोग परीक्षा की शुचिता को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हो चुका है।आयोग के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा, जब परीक्षा में लगे गड़बड़ी के आरोपों के जवाब में सभी अभ्यर्थियों को अपनी कॉपियां देखने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। हालांकि, आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन अभ्यर्थियों ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत प्रार्थना पत्र दिए थे और उन्हें अपनी उत्तर पुस्तिकाओं के अवलोकन के लिए अलग से तिथि प्रदान की जा चुकी थी, वे अभ्यर्थी भी आयोग की ओर निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार निर्धारित तिथि एवं समय पर उपस्थित होकर अपनी कॉपी देखेंगे।

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