जिले के 733 विद्यालयों में छात्र संख्या 50 से कम होने पर बीएसए ने ऐसे प्रधानाध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर ली है।सबसे अधिक संडवा चंडिका विकास खंड के 100 स्कूल ऐसे हैं, जहां बच्चों की संख्या पचास से कम है। इन स्कूलों में बच्चों की संख्या नहीं बढ़ी तो विभाग ताला लगाने पर विचार कर सकता है। बीएसए ने प्रधानाध्यापकों को नोटिस जारी करके सोमवार तक स्पष्टीकरण तलब किया है।बेसिक शिक्षा विभाग के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए सभी प्रयास बेकार साबित हो रहे हैं। 10 जून को यू- डायस पोर्टल पर वर्ष 2023-24 के स्टूडेंट डाटा की राज्य स्तर पर समीक्षा की गई। पता चला कि जिले के 733 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें छात्र संख्या 50 से कम है।इसमें 561 प्राइमरी स्कूल, 155 मिडिल स्कूल और 17 कंपोजिट स्कूल शामिल हैं। बिहार विकास खंड के प्राइमरी स्कूल अवतारपुर में एक भी बच्चे नहीं हैं। बेलखरनाथधाम ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल हर्जामऊ में महज तीन बच्चे नामांकित हैं, कुंडा के रामपुर बचरौली में सिर्फ दो बच्चों का नाम लिखा गया है। सांगीपुर विकास खंड के राहाटीकर और संडवा चंडिका के सुखनीपुर में आठ-आठ बच्चे नामांकित हैं।शहर के माधोगंज में सिर्फ 17 बच्चों का नामांकन हुआ है।महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा का पत्र आते ही बीएसए ने प्रधानाध्यापकों को नोटिस जारी करके सोमवार तक प्रत्येक दशा में स्पष्टीकरण देने को कहा है।