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राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षक, प्रवक्ता और महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को सालभर पहले तकरीबन साढ़े सात हजार रिक्त पदों के अधियाचन मिल चुके हैं। बीते दिनों सीएम ने अलग से बैठक कर भर्तियां शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। इसके बावजूद दोनों भर्तियों के विज्ञापन अटके हैं।एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए पिछला विज्ञापन मार्च 2018 में आया था। तब 10768 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए थे। समकक्ष अर्हता के विवाद के कारण हिंदी जैसे विषय में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया अब तक जारी है। वहीं, परीक्षा में हिंदी एवं सामाजिक विज्ञान विषय के पेपर लीक होने के आरोपों के कारण इन दोनों विषयों के परिणाम काफी देर से जारी किए गए थे।आयोग ने पहली बार लिखित परीक्षा के माध्यम से यह भर्ती कराई थी। आयोग को एलटी ग्रेड शिक्षक की नई भर्ती के लिए तकरीबन छह हजार पदों का अधियाचन साल भर पहले मिल चुका है, लेकिन शासन स्तर से समकक्ष अर्हता का निर्धारण न होने के कारण भर्ती अटकी है। आयोग की ओर से अर्हता निर्धारण के लिए शासन को कई रिमाइंडर भेजे जा चुके हैं, लेकिन अर्हता स्पष्ट न होने के कारण विज्ञापन जारी नहीं किया जा रहा।छह साल से नई भर्ती का इंतजार कर रहे हजारों अभ्यर्थी ओवरएज हो चुके हैं और उनके लिए भविष्य के रास्ते बंद हो चुके हैं। वहीं, आयोग को राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के तकरीबन साढ़े तीन सौ पदों का अधियाचन भी काफी पहले मिल चुका है। आयोग को छह माह से स्क्रीनिंग परीक्षा की नियमावली को शासन से मंजूरी मिलने का इंतजार है।असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर सीधी भर्ती होती है। अब तक केवल इंटरव्यू में मिले अंकों के आधार पर चयन की मेरिट तैयार की जाती थी और इंटरव्यू से पहले अभ्यर्थियों की छंटनी के लिए स्क्रीनिंग परीक्षा कराई जाती थी। नई व्यवस्था के तहत स्क्रीनिंग परीक्षा के 75 फीसदी अंक अभ्यर्थियों के चयन में जोड़े जाएंगे और इंटरव्यू के केवल 25 फीसदी अंक जुड़ेंगे।

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