Thu. Nov 6th, 2025

परिषदीय स्कूलों में बच्चों की कम संख्या की समस्या से निजात पाने के लिए विभाग अपने ही एक आदेश को बदलने की तैयारी में है। यह आदेश प्रवेश के समय बच्चों की आयु सीमा को लेकर था। इसके तहत स्कूलों में उन्हीं बच्चों का प्रवेश लिया जाना था, जिनकी उम्र एक अप्रैल से सत्र शुरू होते समय 6 साल की हो चुकी है। हालांकि स्कूल चलो अभियान की वांछित प्रगति न हो पाने की स्थिति में इसकी समीक्षा की जा रही है।एक अप्रैल से शुरू हुए बेसिक शिक्षा विभाग के नए सत्र के साथ ही प्रवेश उत्सव की भी शुरुआत हो गई। हालांकि पूरे प्रदेश के किसी भी जिले में प्रवेश का टारगेट पूरा नहीं हो सका। प्रवेश कार्यों में लगे शिक्षकों ने बताया कि बेसिक शिक्षा निदेशक ने सत्र शुरू होने से पहले ही आदेश दिया था कि इस साल उन्हीं बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा,जिनकी उम्र एक अप्रैल तक 6 साल हो चुकी हो। इससे छोटे बच्चों को आंगनबाड़ी में भेजा जाए। आयुसीमा तय हो जाने के कारण मुश्किलें बढ़ गई और प्रवेश कम हो गए। आंकड़ों पर गौर करें तो सत्र 2021-22 में बनारस जिले में लगभग 74 हजार नए बच्चों के प्रवेश हुए थे। 2024 के नए सत्र में अब तक 20 हजार से भी कम बच्चों के प्रवेश हुए हैं। शिक्षक नेता सनत कुमार सिंह बताते हैं कि पहले उन बच्चों के भी प्रवेश ले लिए जाते थे जो अगस्त महीने तक भी 6 वर्ष पूरा करने वाले हों। मगर नए नियम ने प्रवेशोत्सव पर ग्रहण लगा दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *