Sat. Oct 19th, 2024

प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों में योग को बढ़ावा देने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कई निर्णय लिए हैं। इसके तहत जहां संस्कृत विद्यालयों को योग विषय की पढ़ाई शुरू कराने के लिए निशुल्क मान्यता देने का निर्णय लिया गया है, वहीं वैकल्पिक विषयों की सूची में भी योग को शामिल किया गया है। यह सहमति मंगलवार को माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की पाठ्यक्रम समिति की बैठक में बनी।माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव की अध्यक्षता में हुई बैठक में उत्तर मध्यमा (11वीं) में प्रवेश के लिए संस्कृत विषय की अनिवार्यता को समाप्त किया गया। वहीं चार नए डिप्लोमा कोर्स पुरोहित व कर्मकांड, ज्योतिष, वास्तुशास्त्र और योग का पाठ्यक्रम भी समिति ने अनुमोदित किया। अनिवार्य विषय शास्त्र की किताब न होने पर समिति ने इसकी किताब तैयार कराने व प्रकाशित करने का निर्णय लिया। बैठक में संस्कृत भारती न्यास अवध प्रांत के अध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह, संस्कृत परिषद के सचिव शिवलाल आदि उपस्थित थे।पूर्व मध्यमा की फिर से बोर्ड परीक्षा कराने पर विचार बैठक में कुछ कॉलेजों के प्रस्ताव पर पूर्व मध्यमा (9वीं) की फिर से बोर्ड परीक्षा कराए जाने पर भी विचार किया गया। कॉलेजों ने तर्क दिया कि 9वीं की बोर्ड परीक्षा न होने से बच्चे गृह परीक्षा में रुचि नहीं ले रहे हैं। समिति ने इस मामले को कार्यकारिणी की बैठक में ले जाने का निर्णय लिया। बता दें कि परिषद ने पिछले साल से 9वीं और इस साल से 11वीं की बोर्ड परीक्षा समाप्त करने और सिर्फ 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा कराने का निर्णय लिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *