परिषदीय विद्यालयों के संसाधन मजबूत करने के साथ हाइटेक किया जा रहा है। इसी कड़ी में अब बच्चों की हाजिरी डिजिटल रजिस्टर में दर्ज होगी तो वहीं, शिक्षकों की उपस्थिति फेस रिकाग्निशन सिस्टम के जरिए दर्ज होगा, जो सुबह स्कूल में प्रवेश करते और प्रस्थान के समय दर्ज करना अनिवार्य होगा। प्रेरणा पोर्टल पर डिजिटल रजिस्टर्स माड्यूल तैयार हो चुका है। शिक्षकों के विरोध के बाद भी 15 जुलाई से हर हाल में डिजिटल रजिस्टर से ही कार्य कराने का दावा किया जा रहा है। डिजिटल रजिस्टर में 12 तरीके के कार्य शामिल होंगे। स्कूलों को पहले ही टैबलेट दिए गए हैं और सिम व इंटरनेट के लिए प्रति स्कूल200 रुपये की धनराशि दी जा रही है। विद्यालयों में एक टैबलेट के लिए साल भर के कुल 2,400 रुपये और छात्र संख्या ज्यादा होने की दशा में दो टैबलेट होने पर 4,800 रुपये धनराशि देने का प्रावधान है।
स्कूलों को मिले टैबलेट, सिम ख
;रीदने की प्रक्रिया शुरू– जिले में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा 2064 विद्यालय संचालित है। जिसमें 1450 प्राथमिक, 343 उच्च प्राथमिक और 271 कंपोजिट विद्यालय हैं। इसके अलावा 12 कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय भी डिजिटाइजेशन में शामिल हैं। इन स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को टैबलेट दिए जा चुके हैं। हालांकि, शिक्षकों के विरोध के चलते अभी तक सभी टैबलेट स्कूलों की अलमारियों में बंद है। बीएसए की तरफ से सभी बीईओ और प्रधानाध्यापकों को सिम खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू करने का निर्देश दिया गया है।