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यूपी कैबिनेट में 28 मार्च 2005 के पूर्व विज्ञापित और बाद में नियुक्त कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना का विकल्प देने के फैसले से 50 हजार से अधिक शिक्षकों को लाभ होगा। यूपी में विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच का विज्ञापन नई पेंशन योजना लागू होने से लगभग सवा साल पहले 14 जनवरी 2004 को जारी हुआ था लेकिन चयनित 45,660 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिसंबर 2005 और जनवरी 2006 में मिलने के कारण उन्हें अब तक पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल सका है। इन शिक्षकों ने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पुरानी पेंशन की लड़ाई लड़ी। लेकिन, अब तक इसका लाभ नहीं मिल सका है।इसी प्रकार सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के पद पर नियुक्त पांच हजार से अधिक शिक्षकों को इस घोषणा से सीधे लाभ होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी ने सरकार के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि नवीन पेंशन योजना असफल है तथा सरकार को सरकार को सभी शिक्षकों-कर्मचारियों की बुढ़ापे की लाठी पुरानी पेंशन बहाल करना चाहिए। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रदेश संरक्षक डॉ. हरि प्रकाश यादव ने सरकार का आभार प्रकट हुए एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त सभी शिक्षकों-कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन व्यवस्था से आच्छादित करने का अनुरोध किया है। कहा कि जब तक पूरे प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू नहीं हो जाती आंदोलन जारी रहेगा।

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