Fri. Oct 18th, 2024

कहने को तो बच्चों को निःशुल्क माध्यमिक शिक्षा देने के लिए राजकीय हाईस्कूल व इंटरमीडिएट कालेज संचालित हैं लेकिन इन कालेजों में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की बधाई बाधित हो रही है। कहीं पर दो तो कहीं पर तीन शिक्षकों की तैनाती है जिसमें भी विषय विशेषज्ञ शिक्षक तो नहीं के बराबर हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई कैसे होती होगी। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।परिषदीय स्कूलों के कक्षा आठ उत्तीर्ण छात्रों के लिए सरकारी राजकीय स्कूल चलाए जा रहे हैं। इसके लिए जिले में कुल 29 राजकीय स्कूल हैं। राजकीय हाईस्कूल चिरैया में बंद स्कूल। जिसमें हाईस्कूलों की संख्या 23 है और पांच इंटर कालेज हैं। इसी तरह से एक माडल स्कूल है। इन स्कूलों में शिक्षकों के 232 पद सृजित हैं। लेकिन तैनाती केवल 133 शिक्षकों की ही है। इसमें कहीं दो तो कहीं पर तीन शिक्षकों से कक्षा नौ व 10 के सभी विषय पढ़वाए जा रहे हैं। विषय विशेषज्ञ शिक्षकों के 40 पद सृजित हैं। लेकिन तैनाती 23 शिक्षकों की ही है। इसी तरह से सहायक शिक्षकों के 192 पद सृजित हैं। जिसमें से 105 शिक्षकों की तैनाती है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई का अंदाजा लगाया जा सकता है। जबकि इन कालेजों में 2279 छात्र पंजीकृत हैं। जमुनहा विकास खंड के नवीन राजकीय हाईस्कूल इंदवा में बने राजकीय विद्यालय में बुधवार को ताला बंद मिला। प्रधानाचार्य अशोक कुमार ने बताया कि विद्यालय में कुल 85 छात्रों का पंजीकरण है। जिन्हें पढ़ाने के लिए मात्र तीन सहायक अध्यापक तैनात हैं।

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