बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों के अंतः जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होने के पहले ही विरोध शुरू हो गया है। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने 31 मार्च तक विद्यालयों में हुए छात्र नामांकन के आधार पर सरप्लस शिक्षकों को चिह्नित करने का निर्देश दिया है और इसी आधार पर स्थानांतरण किए जाएंगे। इसके विपरीत शिक्षकों ने कहा है कि अप्रैल में अधिक संख्या में प्रवेश हुए हैं तथा जुलाई तक प्रवेश की समय सीमा होने के कारण और भी प्रवेश होंगे। इस तरह मार्च के नामांकन के आधार पर स्थानांतरण समायोजन किए जाने से अधिक विद्यार्थी होने के बावजूद शिक्षक कम हो जाएंगे। इस कारण पूर्व की तरह सितंबर के छात्र अनुपात में शिक्षक चिह्नित किए जाएं। अगर मांग नहीं मानी गई तो शिक्षक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।परिषद सचिव की ओर से जारी आदेश के अनुसार अंतःजनपदीय स्थानांतरण/समायोजन की प्रक्रिया दो जुलाई से शुरू होगी। शिक्षकों को 25 विकल्पों के साथ आवेदन करना होगा, जिसका सत्यापन किया जाएगा। स्थानांतरण के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा है कि स्थानांतरण आदेश की जारी समय सारिणी में कई बिंदुओं पर शिक्षकों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है। कई गांव नगर पालिका/नगर निगम सीमा में आ जाने के कारण नगरीय क्षेत्र में हो गए हैं। ऐसे में नगरीय सीमा में शामिल हुए गांवों के विद्यालयों को नगरीय सीमा में मानकर प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। इसके अलावा कई और विसंगतियां बताते हुए शिक्षक जल्द ही हाई कोर्ट में याचिका लगाएंगे।