परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस में अभी गति आती नहीं दिख रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद शुक्रवार को बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल पहुंचे तो उन्हें टैबलेट चलाने में व्यवहारिक दिक्कतें समझ आईं। साथ ही उनका जोर डिजिटल अटेंडेंस की अपेक्षा टैबलेट संचालन और अन्य रजिस्टर डिजिटल कराने पर रहा। हालांकि दूसरी तरफ शिक्षकों का विरोध जारी है और वह अपनी मांगे पूरी होने तक डिजिटल अटेंडेंस लगाने को तैयार नहीं हैं।उच्च अधिकारियों के निर्देश पर शुक्रवार सुबह ही एडी बेसिक, बीएसए, खंड शिक्षा अधिकारी आदि स्कूलों में पहुंचे। उन्होंने शिक्षकों से वार्ता भी की और उन्हें डिजिटलीकरण के फायदे भी बताए। हालांकि शिक्षक जब अटेंडेंस लगाने को नहीं तैयार हुए तो अधिकारी अन्य रजिस्टर, मिड-डे-मील, छात्रों की उपस्थिति आदि को सुचारू करने की बात करने लगे। वहीं कई जगह पर जब टैबलेट खोला गया तो वह अभी तक प्रयोग में ही नहीं लिया गया था। एप का नया वर्जन डाउनलोड नहीं था।कई जगह पर शिक्षकों को इसको चलाने भी नहीं आ रहा था। इसे विभाग ने तकनीकी विशेषज्ञों से वार्ता कर ठीक कराया। कई जगह पर अधिकारियों ने खुद नेटवर्क की दिक्कत भी पाई। अधिकारियों ने शिक्षकों को टैबलेट चलाने के तरीके बताए और कई की अटेंडेंस भी लगवाई। वाराणसी समेत कई जिलों में इसके लिए प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किया गया। हालांकि उपस्थिति देने वाले शिक्षकों की संख्या शुक्रवार को भी बहुत ही कम रही।