जिले के 885 परिषदीय विद्यालयों में कंपोजिट ग्रांट का उपभोग प्रमाणपत्र देना होगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रधानाध्यापकों को पत्र जारी कर दिया है। विद्यालय प्रबंध समिति ने कितनी धनराशि कहां खर्च की, इसका पूरा ब्योरा भी देना होगा, अन्यथा कार्रवाई होगी। फरवरी-मार्च में विद्यालयों को चार करोड़ 63 लाख रुपये की ग्रांट दी गई थी।जिले में 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय में एक लाख 67 हजार विद्यार्थी पंजीकृत हैं। पहले रंग-रोगन के नाम पर सभी विद्यालयों को सात से 10 हजार रुपये शासन से मिलते थे। इससे स्कूलों की न तो ठीक से रंगाई-पुताई हो पाती थी और न ही दूसरे सामान की खरीदारी हो पाती थी। सत्र 2019- 20 से सरकार ने स्कूलों में कंपोजिट ग्रांट देना शुरू कर दिया। छात्र संख्या के आधार पर धन मिलता है। एक से 30 बच्चों पर 10 हजार, 30 से 100 बच्चों पर 25 हजार, 100 से 250 बच्चों पर 50 हजार, 250 से 1000 बच्चों पर 75 हजार और 1000 से अधिक बच्चों वाले स्कूलों को एक लाख रुपये दिए जाते हैं।