यूपी बोर्ड के माध्यमिक स्कूलों के बच्चे बिना किताबों के पढ़ाई करने को मजबूर हैं।शैक्षिक सत्र शुरू हुए 115 दिन बीत जाने के बाद भी किताबें बाजार में उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। शिक्षक बोल रहे हैं कि एनसीईआरटी की किताबों से ही पढ़ाई की जानी है मगर माध्यमिक शिक्षा परिषद ने अभी तक किताबों के लिए प्रकाशकों के नाम तक तय नहीं किए हैं। कक्षा 9 से 12 कक्षा तक के 36 विषयों की 70 किताबें एनसीईआरटी और हिन्दी, संस्कृत और उर्दू की 12 किताबें निजी प्रकाशकों की इस्तेमाल होंगी।राजकीय, एडेड स्कूलों के प्रधानाचार्यों का कहना है कि परिषद ने 12 अप्रैल को शैक्षिक कैलेण्डर जारी किया था। जनवरी 2025 के पहले सप्ताह तक बच्चों का पाठ्यक्रम पूरा कराना है। अफसर स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं और प्रधानाचार्यों, शिक्षकों को छात्रों को टाइम टेबल के हिसाब से पढ़ाने का दबाव बना रहे हैं।