प्रदेश में परिषदीय विद्यालय में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से डिजिटाइजेशन की पहल से छात्रों के बेहतर भविष्य बनाने की तैयारी है। इसके तहत परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के रजिस्टर के बोझ को कम करते हुए डिजिटल रजिस्टर की शुरुआत की गई है, ताकि शिक्षकों का अधिकाधिक समय छात्रों को मिल सके।शिक्षा जगत से जुड़े लोगों का भी मानना है कि इस महत्वपूर्ण रिफॉर्म से प्रदेश में प्राइमरी शिक्षा में आमूल चूल बदलाव होगा। डिजिटाइजेशन से परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना, आईसीटी और इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं पहले ही उपलब्ध कराई जा रही हैं। साथ ही छात्रों को ई लर्निंग की सुविधा भी दी जा रही है। डिजिटल रजिस्टर से शिक्षकों को सूचनाएं ऑफलाइन भरने से मुक्ति मिलेगी। साथ ही उन्हें मैन्युअल रिकॉर्ड रखने की भी जरूरत नहीं होगी। निर्धारित मॉड्यूल पर एंट्री करते ही रिपोर्ट खुद तैयार हो जाएगी। वहीं, डाटा भी सुरक्षित रहेगा। जियो फेंसिंग व टाइम फेसिंग से उपस्थिति दर्ज भी करना सरल होगा। इससे व्यवस्था में पारदर्शिता के साथ जवाबदेही आएगी।सरकार की पहल का उद्देश्य ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। सीएम भी डिजिटाइजेशन के पक्षधर हैं। उनका कहना है कि डिजिटाइजेशन न केवल छात्रों को नवीनतम तकनीक का लाभ मिलेगा, बल्कि शिक्षकों की क्षमता में भी वृद्धि होगी।