इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत अध्यापक नियमित प्रधानाध्यापक के समान वेतन पाने के हक़दार हैं। कोर्ट ने याची प्रभारी प्रधानाध्यापकों को दो माह में नियमित प्रधानाध्यापक पद का बकाया वेतन भुगतान करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के पूर्व में पारित आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि याचीगण सहायक अध्यापक के पद का वेतन पाते हुए संस्थान में प्रधानाध्यापक के दायित्व का निर्वाह कर रहे हैं ऐसे में वह नियमित प्रधानाध्यापक के समान वेतन पाने के भी हकदार हैं। सौरभ पांडेय और 35 अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने यह आदेश दिया।सौरभ पांडेय व अन्य याचीगण रामपुर में विभिन्न स्कूलों में प्रभारी | प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यरत हैं लेकिन उन्हें वेतन सहायक अध्यापक के पद का ही दिया जा रहा है। जिसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल कर नियमित प्रधानाध्यापक का वेतन दिए जाने की मांग की गई। याची के अधिवक्ता ने राज किशोरी कुशवाह बनाम यूपी के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामपुर को याचियों को प्रधानाध्यापक पद का वेतन भुगतान करने का आदेश दिया जाए।कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामपुर को निर्देश दिया कि वह जांच करें कि क्या याची प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। यदि याची प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं तो उन्हें बकाया सहित प्रधानाध्यापक का वेतन दिया जाए।